उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में एक और बड़ा बदलाव किया गया है। अब आयुष्मान भारत योजना से जुड़े मरीजों को डॉक्टर से मिलने के लिए अस्पतालों में लंबी लाइनें नहीं लगानी होंगी। सरकार ने कॉल सेंटर के माध्यम से घर बैठे अपॉइंटमेंट बुक करने की सुविधा शुरू कर दी है। इस नई पहल की घोषणा प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने रविवार को की।
घर बैठे अपॉइंटमेंट बुकिंग
नई व्यवस्था के तहत मरीज “आयुष्मान संपर्क कॉल सेंटर” पर कॉल कर किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल या मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर से अपॉइंटमेंट ले सकेंगे। कॉल सेंटर का कर्मचारी बीमारी और डॉक्टर से जुड़ी जानकारी लेकर मरीज की सुविधा अनुसार समय निर्धारित करेगा। बुकिंग के बाद मरीज को एसएमएस या व्हाट्सऐप पर अपॉइंटमेंट की जानकारी भेज दी जाएगी।
पाठक ने कहा कि इस कदम से मरीजों को घंटों लाइन में लगने की परेशानी से राहत मिलेगी और स्वास्थ्य व्यवस्था अधिक व्यवस्थित तरीके से संचालित हो सकेगी। खासकर ग्रामीण और छोटे कस्बों से आने वाले मरीजों को इस सुविधा से बड़ा लाभ मिलने वाला है।
सात वर्ष पूरे होने पर खास कार्यक्रम
आयुष्मान भारत योजना ने हाल ही में सात वर्ष पूरे कर लिए। इस अवसर पर राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने दीप प्रज्ज्वलन कर की। बड़ी संख्या में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और आम नागरिक शामिल हुए।
अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री ने कहा, “आयुष्मान भारत ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े गरीब परिवारों को गुणवत्तापूर्ण और निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराकर बड़ी राहत दी है। यह देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी क्रांति है।”
डिजिटल इंडिया से जुड़ती स्वास्थ्य सेवाएं
पाठक ने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है। पहले स्मार्ट कार्ड और ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा से मरीजों को लाभ मिला और अब कॉल सेंटर के जरिए अपॉइंटमेंट की सुविधा इस क्रम को और मजबूत करेगी।
योजना से जुड़ने के बाद मरीज अस्पताल का चक्कर काटने और लंबा इंतजार करने के बजाय घर से ही समय तय कर पाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अस्पतालों में भीड़ पर नियंत्रण होगा और डॉक्टर अपने समय का बेहतर उपयोग कर पाएंगे।
सात साल की उपलब्धियाँ
कार्यक्रम में आयुष्मान भारत योजना की सात साल की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला गया। बताया गया कि इस योजना के तहत देशभर में अब तक करोड़ों मरीजों का मुफ्त इलाज हुआ है। उत्तर प्रदेश में लाखों मरीजों ने कैंसर, हृदय रोग, किडनी की बीमारी, जटिल ऑपरेशन और अन्य गंभीर रोगों का निःशुल्क इलाज कराया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” नीति का जीवंत उदाहरण है और आगे भी इसे और व्यापक बनाया जाएगा।
ग्रामीण मरीजों के लिए बड़ी राहत
ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों से आने वाले मरीजों ने इस सुविधा की सराहना की। लखीमपुर खीरी से आए एक मरीज के परिजन ने कहा, “हर बार घंटों लाइन में लगकर थक जाते थे। अब घर बैठे अपॉइंटमेंट बुक हो जाएगा तो यह बहुत बड़ी राहत है।”
गोंडा से आई एक महिला ने कहा, “अस्पताल में लाइन और यात्रा, दोनों से बचत होगी। यह सुविधा वाकई मरीजों को नई उम्मीद देगी।”
डिजिटल भविष्य की ओर कदम
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि आयुष्मान भारत ने न सिर्फ स्वास्थ्य सुरक्षा कवच प्रदान किया है बल्कि डिजिटल इंडिया अभियान को भी मजबूत किया है। ऑनलाइन रिकॉर्ड, स्मार्ट कार्ड, ई-बुक, कॉमिक बुक और अब कॉल सेंटर अपॉइंटमेंट जैसी सुविधाएं तकनीक और स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतरीन मेल प्रस्तुत करती हैं।
पाठक ने यह भी घोषणा की कि सरकार जल्द ही टेलीमेडिसिन सेवाओं का दायरा बढ़ाने जा रही है। इसके तहत मरीज डॉक्टर से वीडियो कॉल पर सीधे परामर्श ले सकेंगे। यह कदम चिकित्सा क्षेत्र को और आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।
आगे की राह
विशेषज्ञों ने कहा कि आयुष्मान भारत की सात वर्षों की सफलता ने भविष्य का रास्ता साफ कर दिया है। सरकार का लक्ष्य है कि जल्द ही सभी नागरिकों को आसानी से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो। डिजिटल सुविधा और तकनीकी नवाचार इस दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।